ग्वालियर। महाशिवरात्रि पर्व शुक्रवार को आनंद, श्रद्धा और आराधना के साथ मनाया जा रहा है। देवाधिदेव महादेव की भक्ति के इस महापर्व पर शहर के घरो के साथ ही शिवालयों में भोले के भक्तों की भीड़ आज सुबह से ही लगी हुई है।
महाशिवरात्रि पर्व को मनाने का उल्लास लोगों में इस कदर है कि शहर के शिवालयों में शिवजी के दर्शनों का सिलसिला रात 12 बजे से ही शुरू हो गया। शिवभक्तों की यह भीड़ अल सुबह तक मेले के रूप में तब्दील हो चुकी थी और सब जबह शिव भक्ति की बयार बह रही है।
महाशिवरात्रि के मौके पर शहर के सभी शिव मंदिरों में ऊं नमः शिवाय की गूंज सुबह से ही सुनाई दी। अचलेश्वर मंदिर, कोटेश्वर मंदिर, गुप्तेश्वर मंदिर, मारकंडेश्वर मंदिर, हजारेश्वर मंदिर आदि पर सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
59 साल बाद बना महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग
59 साल बाद ऐसा अवसर आया है कि शनि अपने स्वराशि और श्रवण नक्षत्र, मकर राशि में चंद्रमा का दुर्लभ संयोग बना है। इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति 1961 में बनी थी। आज पूरे देश सहित शहर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। आम तौर पर महाशिवरात्रि पर्व में श्रवण नक्षत्र और मकर राशि में चंद्रमा का योग बनता है, लेकिन इस बार 59 साल बाद ऐसा अवसर आया है कि शनि अपने स्वराशि और श्रवण नक्षत्र, मकर राशि में चंद्रमा का दुर्लभ संयोग बना है। इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति 1961 में बनी थी। वहीं इस दिन सर्वासिद्धि योग का भी संयोग है। इस दिन योग में शिव-पार्वती का पूजन श्रेष्ठ माना गया है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर चारों पहर में सर्वार्थ सिद्धी, अमृत सिद्धी योग रहेंगे। 21 फरवरी को चतुर्दशी तिथि निशीथ व्यापनी रहेगी। इस बार 21 फरवरी को त्रियोदेशी तिथि शाम को 5 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसी समय चतुर्दशी शुरू हो जाएगी। शाम को प्रथम पहर की पूजा शाम 6 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। द्धितीय पहर की पूजा रात्रि 9 बजकर 23 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। तृतीय पहर की पूजा रात 12 बजकर 34 से 3 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। चतुर्थ पहर रात्रि 3 बजकर 46 मिनट से सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक पूजा का समय रहेगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धी योग सुबह 9 बजकर 13 मिनट से अमृत सिद्धी योग 5 बजकर 21 मिनट से पूरी रात रहेगा।
गुप्तेश्वर मंदिर से निकली शिव बारात
गुप्तेश्वर शिव मंदिर से दोपहर 12 बजे शिव बारात निकली। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए अचलेश्वर मंदिर पर पहुंची । मंदिर पर आज रात्रि जागरण भी किया जाएगा, जिसमें चार पहर की पूजा होगी।