सीमेंट फैक्ट्री के प्रदूषण पर सांसद अजय प्रताप सिंह ने राज्यसभा में मुददा उठाया

सतना। सतना मैहर में सीमेंट फैक्ट्रियों के बढते प्रदूषण से आम आदमी का जीना दुभर है। मैहर स्थित केजेएस सीमेंट फैक्ट्री के प्रदूषण को लेकर लोगों में आक्रोश फैलता जा रहा है। आज राज्यसभा में सांसद अजय प्रताप सिंह ने भी इस प्रदूषण के मुददे को उठाया। 
सांसद राज्यसभा अजयप्रताप सिंह ने कहा कि मैं सदन का ध्यान सतना जिले की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश का सतना जिला वर्तमान में सीमेंट फैक्ट्रियों का हब बन चुका है। इन सीमेंट फैक्ट्रियों के कारण वहां पर प्रदूषण की समस्या एक चुनौती बनकर उभर रही है। इस प्रदूषण की समस्या के कारण वहां के निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो रही है, हृदय संबंधी बीमारी हो रही हैं, कैंसर जैसी बीमारी के भी वे शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण का मानक , जो सामान्यत: सतना में पीएम २.५ से लेकर ६० होना चाहिये, आज वह बढक़र पीएम २०० से अधिक हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण के लिये इन फैक्ट्रियों में प्रदूषणरोधी संयंत्र लगना चाहिये , वह किसी भी फैक्ट्री में नहीं लगा हुआ है। प्रदूषण के विरूद्ध अपने शरीर के अंदर प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिये पहले यहां पर स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों को गुड बांटा जाता था, अब वह गुड बांटना भी बंद कर दिया गया है। इन फैक्टियों में स्वास्थ्य के लिये जो अस्पताल या डिस्पेंसरी की व्यवस्था होनी चाहिये , वह व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है। सतना के पूर्व कलेक्टर संतोष मिश्र ने प्रदूषण के निवारण के लिये एक निर्देश जारी किया था, लेकिन उनके स्थानांन्तरण के बाद उनका निर्देश हवा हो गया है और इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। 
सांसद अजयप्रताप सिंह ने सदन में कहा कि मैं आपके माध्यम से सरकार से मांग करता हूं कि इन फैक्ट्रियों में प्रदूषण के नियंत्रण के लिये और प्रदूषण से पैदा होने वाली बीमारियों के इलाज के लिये डिस्पेंसरी की व्यवस्था हो, अस्पताल की व्यवस्था हो, वहां पर प्रदूषणरोधी संयंत्र लगाये जायें तथा वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों और आसपास के स्थानीय निवासियों को जिस तरीके से पूर्ववत गुड बांटा जाता था, वह प्रक्रिया फिर से की जाना चाहिये।