मथुरा, आगरा, ग्वालियर व झांसी की तीसरी रेल लाइन 2022 तक

(विनय कुमार अग्रवाल)
ग्वालियर। मथुरा से आगरा और ग्वालियर होकर झांसी तक तीसरी रेल लाइन का काम और तेजी पकड़ गया है। तीसरी रेल लाइन का कार्य इस सेक्शन में 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। तीसरी रेल लाइन को रेल ट्रेफिक में सुगमतापूर्वक निकालने के लिये तैयार किया जा रहा है। लगभग ३ हजार करोड की लागत वाली इस सेक्शन परियोजना में पडने वाली आधा दर्जन से अधिक नदियों पर नये पुलों का कार्य भी शुरू हो गया है। चंबल नदी पर भी तीसरे ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि हजरत निजामुददीन से फरीदाबाद, मथुरा, ग्वालियर, झांसी , बीना, भोपाल होकर तीसरी लाइन का काम विक्टोरिया टर्मिनल (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) मुंबई तक भारतीय रेलवे की नई तीसरी अतिरिक्त लाइन पर कार्य इन दिनों प्रगति पर है। हजरत निजामुददीन से मथुरा और झांसी , बीना व भोपाल के बीच यह तीसरी लाइन का प्रोजेक्ट लगभग पूर्णता की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही मथुरा , आगरा, ग्वालियर होकर झांसी तक के ट्रेक में तीसरी रेल लाइन बिछाने का कार्य रेल विकास निगम के हवाले है। 
रेल विकास निगम का तकनीकी अमला इन दिनों तीसरी रेल लाइन के निर्माण में व्यस्त है। इसके पास मथुरा से आगरा होकर ग्वालियर व झांसी तक का लगभग 270 किलोमीटर के ट्रेक बिछाने का काम है। इसके लिये पूरे 270 किलोमीटर ट्रेक पर अर्थ वर्क के तहत मिटटी समतलीकरण , गिटटी बिछाने का काम तेज गति से चल रहा है। इसके बाद ट्रेक (रेल पटरियां) बिछाने का काम किया जायेगा। इस ट्रेक पर मथुरा से झांसी तक लगभग आधा दर्जन प्रमुख छोटी -बडी नदियां भी पड़ती है, जिन पर पुल बनाने का कार्य भी शुरू हो चुका है। इन नदियों में पार्वती से लेकर सांक, आसन, चंबल, सिंध नदियां प्रमुख हैं। 
रेल विकास निगम ने चंबल नदी पर लगभग एक किलोमीटर लंबा पुल बनाने के लिये पिलर बनाने शुरू कर दिये हैं। इस पुल के लिये रेल विकास निगम के विशेष प्रशिक्षित तकनीकी अमले को लगाया है और नदी में पानी को डयवर्ट कर पिलर का काम किया जा रहा है। 
विशेष बात यह है कि उत्तर मध्य रेलवे के इस ट्रेक पर देश का सर्वाधिक रेल यातायात गुजरता है, जिसकी वजह से अब तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य अत्यंत जरूरी हो गया था। अब इसी सेक्शन में चौथी रेल लाइन के वर्क को भी रेल मंत्रालय ने  संभवतः मंजूरी  दे दी है, जिसका काम 2023 से शुरू होना है। तीसरी रेल लाइन पर शुरूआत में गुडस व एक्सप्रेस ट्रेने निकाली जायेंगी। इसके बाद इसके तकनीकी परीक्षण कर सुपरफास्ट व शताब्दी जैसी कम स्टापेज वाली ट्रेनों के निकालने की योजना है। 

 तीसरी रेल लाइन के लिये मथुरा से झांसी तक के 270 किलोमीटर के नये बन रहे ट्रेक पर लगभग 10 रेल ब्रिज बनेंगे।रेल विकास निगम के सूत्रों के मुताबिक यह रेल ब्रिज आगरा के पास क्वारी नदी से शुरू होकर पार्वती, चंबल, आसन, सांक, स्वर्णरेखा (गंदा नाला), मुरार नदी, कोटा, सिंध व झांसी के पास कहने वाली बरसाती नदी पर बनेंगे। वैसे इन सभी नदियों पर रेलवे के अप और डाउन ट्रेक पर यातायात हेतु पहले से ही दो-दो ब्रिज बने हुये हैं। 
(साभार सत्ता सुधार)