जेयू के गालव सभागार में शुरू हुई तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन एक्सपर्ट्स ने अपने विचार रखे
आजकल युवा बॉडी बनाने के चक्कर में स्टेरॉइड का इस्तेमाल करने लगे हैं, लेकिन वे लोग इस स्टेरॉइड के साइड इफैक्ट से परिचित नहीं होते। इसकी ज्यादा मात्रा बॉडी पर कई तरह के नकरात्मक असर दिखाने लगती है। इसके कारण किडनी की समस्या और हार्टफैल होने का खतरा बनता है साथ ही गंजापन, चेहरे पर मुंहासे, महिलाओं में चेहरे पर बाल आना और आवाज में भारीपन जैसी बीमारियां होने लगती हैं। किसी भी दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से बचें, नही ंतो कई हानिकारक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह बात उत्तरप्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज सैफई से आए प्रो. देवेंद्र पाठक ने कही। वह जीवाजी यूनिवर्सिटी में 'ब्रेकथ्रूज इन टोक्सिकोलॉजी एंड ह्यूमन हेल्थ' विषय पर चल रही तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन बतौर वक्ता बोल रहे थे। इस दौरान पोस्टर प्रजेंटेशन भी हुआ, जिसमें 78 पोस्टर्स प्रजेंट किए गए। इसके अलावा शाम के समय गालव सभागार में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं।
इस अवसर पर जेयू की ओर से वीसी प्रो. संगीता शुक्ला,प्रो वायके जायसवाल,डॉ. जीबीकेएस प्रसाद, डॉ. मुकुल तैलंग और डॉ. केशव सिंह गुर्जर मौजूद रहे।
आजकल हम किसी न किसी रूप में प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऑन लाइन मंगाए जाने वाले फूड आइटम्स की पैेिकंग भी प्लास्टिक बैग या डिब्बे में की जाती है। इससे उस प्लास्टिक के विषैले तत्व उस खाने में मिलकर हमारी बॉडी में पहुंच जाते हैं और कई तरह की बीमारियां कर देते हैं।-प्रो. रायसुद्दीन, जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली
- संभलकर करें चिकन का सेवन
अधिकतर लोग चिकन का सेवन करते हैं, लेकिन उन्हें यह जानना जरूरी है कि मुर्गों को दिए जाने वाले भोजन में कुछ हानिकारक पदार्थ भी मिला होता है। जब चिकन के रूप में उसका सेवन करते हैं, तो वो विषैले तत्व हमारी बॉडी में चले जाते हैं और कई तरह की बीमारियां पैदा कर देते हैं। सभी को इसकी जानकारी होना जरूरी है। -डॉ. रघुवीर सिंह तोमर, आईआईएसईआर( इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च) भोपाल
-प्रोटीन का अध्ययन भी जरूरी
टॉक्सिकोलॉजी को समझने के लिए सैल प्रोटीन का अध्ययन करना भी जरूरी है। इसे यूं समझ सकते हैं कि कोशिका एक सिस्टम है, तो प्रोटीन रियल हीरो -डॉ. रणवीर सिंह, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
- अधिकतर बीमारियों का कारण फूड होता है। बाजार में मिलने वाले फूड आइटम्स और पेय पदार्थों में मात्रा से अधिक रसायन मिला दिया जाता है, जिसका बॉडी पर नकारात्मक असर दिखने लगता है। इसके लिए अवेयरनेस जरूरी है। -डॉ. डी. कानूनगो, चेयरमैन ऑफ साइंटिफिक पैनल ऑफ रेसीड्यूस ऑफ पेस्टिसाइड्स एफएसएसआई दिल्ली